Pashupatinath Mandir Gopalpur (पशुपतिनाथ मंदिर)

कथा शिव भक्त की पशुपतिनाथ मंदिर गोपालपुर लम्हेटाघाट

अद्भुत शिवलिंग पशुपतिनाथ मंदिर गोपालपुर जबलपुर | एक ही प्रतिबिंब होते हुए चार स्वरूप में दर्शन होते हैं | शिवलिंग के दक्षिणी भाग में भगवान गणेश , पूर्व में शिव शंकर, उत्तर में माँ पार्वती शिव संगिनी एवं पश्चिम में भगवान शेषनाग के दर्शन होते हैं

यह धर्मस्थल राजा बलि की कथा से जुड़ा हुआ है | कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब वामन अवतार लिया था तब राजा बलि से दान में 3 पग भूमि ही माँगी थी तब राजा बलि ने उनको वो भूमि देने का वचन दिया| भगवान विष्णु ने प्रथम दो पग में पूरे ब्रह्मांड को नाप लिया उसके बाद जब कोई जगह नहीं बची हुई तब राजा बलि ने स्वयं को प्रस्तुत किया |

अंतिम पग भगवान विष्णु ने राजा बलि के सर पर रखा जिससे वो है पाताल के स्वामी बन गए और अब वर्तमान में वह जगह धुआँधार कहाँ जाती है | धुँआधार के समीप ही गोपालपुर में राजबलि के पुत्र वाणासुर के द्वारा स्थापित भगवान शंकर का एक अद्भूत शिवलिंग है जिसे पशुपतिनाथ के नाम से जाना जाता है |

पशुपति नाथ शिवलिंग की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें एक ही प्रतिबिंब होते हुए चार स्वरूप में दर्शन होते हैं | आप कहेंगे किसके दर्शन होते हैं शिवलिंग के दक्षिणी भाग में भगवान गणेश , पूर्व में शिव शंकर, उत्तर में माँ पार्वती शिव संगिनी एवं पश्चिम में भगवान शेषनाग के दर्शन होते हैं |